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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
साधो है मुर्दा का देश एक संतां का देश निरालापीर मरा पैगम्बर मर गया,मर गया जिन्दा जोगी
राजा मर गया प्रजा मर गई,मर गए वैद और रोगी
सूरज मर गए चन्दा मर गए मर गए धरन आकाशा
चौदह लोक का मरा चौधरी, इस की भी के आशा
चौदह लोक का मरा चौधरी, इस की भी के आशा
नोउ मरगे दसों मरगे मरगे सहस अठासी
तेतीस करोड़ देवता मरगे, जो पड़े काल की फांसी
तेतीस करोड़ देवता मरगे, जो पड़े काल की फांसी
नाम अनामी सदा सत्त है, दूजा सत्त ना होइ
कह कबीर सुनो भाई साधो, भटक मरो मत कोई
कह कबीर सुनो भाई साधो, भटक मरो मत कोई
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