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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
जोर ना जमाना, ये तो माल है बिराना।।
चलता है मीटर हर पल का हिसाब है।
ऊपर को देख कोई, तेरा भी नवाब है।
क्या पहना तूने नकाब है, ना जाएगा पहचाना।।
पूंजी है और की, तुं तो कर्जदार है।
मूल का जिक्र क्या, ब्याज भी उधार है।
वसूलने को तैयार है, वो यमपुर थाना।।
मूल का जिक्र क्या, ब्याज भी उधार है।
वसूलने को तैयार है, वो यमपुर थाना।।
झूठी जोरा जोरी तेरी,झूठा तेरा शोर है।
बेगानी अमानत बरती, इसीलिये चोर है।
चलता उसका जोर है,शोर ना मचाना।।
बेगानी अमानत बरती, इसीलिये चोर है।
चलता उसका जोर है,शोर ना मचाना।।
जिसको तुं कहता अपना,वो तो तेरा सपना है।
राम किशन हरि रटो, वोही तेरा अपना है।
नाम उसी का जपना है, जिससे है जमाना।।
राम किशन हरि रटो, वोही तेरा अपना है।
नाम उसी का जपना है, जिससे है जमाना।।
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